Example: A Site about Examples

Maharajganj: माइक्रो फाइनेंस कंपनी से लिया कर्ज, परिजनों का बढ़ रहा तनाव

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

महाराजगंज: माइक्रो फाइनेंस कंपनी से कर्ज लेने के बाद तनाव बढ़ता जा रहा है एक महिला के घर में बुजुर्ग औरत ने अपनी जान दे दी। कंपनी के एजेंट घर पर किस्त जमा करने के लिए दबाव बढ़ा रहा था। पुलिस तक नहीं पहुंचने के कारण कोई करवाई भी नहीं हो रही थी पनियरा क्षेत्र के गोनहां गांव के किसान सूर्यनाथ ने बीते दिनों आत्महत्या कर लिया उन्होंने किसी तरह जम कर रहे थे।

माइक्रो फाइनेंस कंपनी से करीब 65 हजार रुपये कर्ज

उनके घर वसूली करने वाले एजेंट बार-बार जाते थे कंपनी के एजेंट घर पर आकर किस्त जमा करने के लिए दबाव बनाते हैं सूर्यनाथ घर के मालिक के कर्ज की समस्या के कारण तबियत खराब होता जा रहा था और कर्ज जामा करने में परेशानी होता जा रहा था।

इससे वह बड़ी परेशान रहते थे उनकी बड़ी बहु रुक्मणि ने बताया कि कर्ज की रकम ससुर के इलाज में खर्च हो गई इलाज से अधिक रकम की जरूरत पड़ी तो माइक्रो फाइनेंस कंपनी से कर्ज लेना पड़ा इसी ऋण पर लगे ब्याज बहुत अधिक हैं और इसी तरह जामा न करने के कारण ओर स्थिति बिगड़ती चली गई सूर्यनाथ ने ऋण के तनाव के कारण वह हमेशा सोचते रहते थे जब एजेंट घर पर आकर कर्ज उसूले करते थे तो वह बहुत घबरा जाते थे, कंपनी के एजेंट घर पर आकर किस्त जमा करने के लिए दबाव बनाते हैं। लेकिन परिवार के पास कोई विकल्प नहीं था आत्महत्या जैसे कठोर काम करने के लिए मजबूर कर दिया इस मामले में थाने में कोई रिपोर्ट नहीं दिए गए मृतक के परिजन ने कोई कार्रवाई नहीं किया।

तहसीलदार सदर पंकज शाही मृत किसान के घर गोनहां पहुंचे उसने परिवार को डाटा समझाया और सरकारी सहायता का कार्य को विश्वास दिलवाया। आश्वासन दिया कि मृतक की पत्नी बुधनी देवी को विधवा पेंशन और पारिवारिक लाभ योजना के तहत सहायता दी जाएगी। ओर उसने अन्य जरूरी सहायता दिया जैसे-आवास और कुछ वो समान प्रदान किया।

24 डिस्मिल जमीन औने-पौने दाम में बेचकर किस्त किया जमा

बैदा गांव के इंद्रभान ने बताया कि उनकी भाभी ने माइक्रो फाइनेंस कंपनी से तीन किश्तों में 1.60 लाख रुपये समूह के माध्यम से कर्ज लिया था। किश्तों पर लगने वाला ब्याज अत्यधिक होने के कारण कर्ज चुकाना मुश्किल हो गया कंपनी के एजेंट आए दिन घर आकर गाली-गलौज करते थे। आर्थिक तंगी के कारण परिवार को अपनी 24 डिस्मिल जमीन औने-पौने दाम में बेचकर 60 हजार रुपये लौटाने पड़े। फिर भी ब्याज की रकम खत्म नहीं हुई। इस मानसिक दबाव और एजेंटों की धमकियों से परेशान होकर उनकी भाभी अपने पति के साथ दिल्ली चली गईं।

आगे पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…

संबंधित खबरें

Also Read