उत्तर प्रदेश में निपुण भारत मिशन (NIPUN Bharat Mission) को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रभावी ढंग से लागू किया जा रहा है। इस मिशन का उद्देश्य 2026-27 तक राज्य के सभी बच्चों को कक्षा 3 तक बुनियादी साक्षरता और गणितीय दक्षता प्रदान करना है।
Nipun Bharat Mission in UP: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार छोटे बच्चों की पढ़ाई को लेकर गंभीर है. सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले दो सालों में यानी सत्र 2026-27 तक बाल वाटिका (प्री-प्राइमरी) से लेकर कक्षा 2 तक के सभी बच्चों को पढ़ना, लिखना और आसान गणना करना अच्छी तरह से सिखा दिया जाए. इसके लिए सरकार निपुण भारत मिशन चला रही है, जो अब प्रदेश के हर प्राथमिक स्कूल तक पहुंच चुका है.
शिक्षक प्रशिक्षण अभियान
उत्तर प्रदेश सरकार ने अक्टूबर 2023 से दिसंबर 2023 तक राज्यभर में एक व्यापक शिक्षक प्रशिक्षण अभियान चलाया। इसमें प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों और शिक्षा मित्रों को बुनियादी भाषा और गणितीय विषयों में दक्षता प्रदान करने के लिए प्रशिक्षण दिया गया, प्रयागराज स्थित राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (सीमैट) में 2025 में एक पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें 300 संदर्भदाता शिक्षकों को प्रशिक्षित किया गया, जो बाद में अपने-अपने जिलों में अन्य शिक्षकों को प्रशिक्षित करेंगे। प्रशिक्षण में गतिविधि-आधारित पढ़ाई, कक्षा प्रबंधन और मूल्यांकन पद्धतियों पर विशेष ध्यान दिया गया।
‘निपुण’ स्कूल और ब्लॉक लक्ष्य
मार्च 2023 में, मुख्यमंत्री ने बेसिक शिक्षा विभाग को निर्देशित किया कि दिसंबर 2023 तक राज्य के 44,000 प्राथमिक विद्यालयों को ‘निपुण’ स्कूल का दर्जा प्राप्त करना चाहिए। साथ ही, प्रत्येक जिले में एक ‘निपुण’ ब्लॉक बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया, जिससे कुल 75 ‘निपुण’ ब्लॉकों का निर्माण होगा।
सार्वजनिक सहभागिता कार्यक्रम
जनवरी 2025 में, मुख्यमंत्री ने निपुण भारत मिशन के तहत छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए सार्वजनिक सहभागिता कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिए। इन कार्यक्रमों में समर कैंप, ‘निपुण’ टास्क फोर्स की बैठकें, घर-घर संपर्क और जिला, मंडल तथा राज्य स्तर पर विशेष कार्यक्रम शामिल होंगे।
मिशन का उद्देश्य
निपुण भारत मिशन का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि प्रत्येक बच्चा कक्षा 3 तक बुनियादी साक्षरता (पढ़ने, समझने) और गणितीय दक्षता (गणना, जोड़-घटाना) में सक्षम हो। इससे बच्चों की शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा और वे आगे की कक्षाओं के लिए तैयार होंगे।
सरकार ने स्कूलों में मुहैया कराए शिक्षण उपकरण
शिक्षकों को भी ‘शिक्षक डायरी’ दी गई है, जिसमें उन्हें पढ़ाने की पूरी योजना और बच्चों के सीखने का तरीका बताया गया है. इसका असर भी अब साफ दिख रहा है. बच्चे अब पहले से बेहतर पढ़ और लिख पा रहे हैं. उनकी गणना करने की क्षमता भी बढ़ी है.
सरकार ने इस काम में किसी भी तरह की कमी नहीं छोड़ी है. हर स्कूल में संदर्शिका (गाइड बुक), प्रिंट रिच सामग्री (तस्वीरों और रंगों से भरी किताबें), बिग बुक्स, गणित किट, लाइब्रेरी की किताबें और ‘तालिका’ जैसे शिक्षण उपकरण उपलब्ध करा दिए हैं. इससे बच्चों को खेल-खेल में पढ़ाई करना आसान हो गया है.
वार्षिक शिक्षा स्थिति रिपोर्ट में शिक्षा के स्तर में बेहतर सुधार
बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने कहा कि, ‘निपुण भारत मिशन से राज्य में शिक्षा का चेहरा बदल रहा है. सरकार चाहती है कि हर बच्चा सशक्त बने और आगे चलकर किसी भी चुनौती का सामना कर सके. यह पहल न सिर्फ शिक्षा में सुधार है, बल्कि एक ऐसे उत्तर प्रदेश की नींव है जहां हर बच्चा पढ़ा-लिखा और आत्मनिर्भर हो. सरकार की यह कोशिश बच्चों के उज्जवल भविष्य की ओर एक मजबूत कदम है, जो आने वाले समय में उत्तर प्रदेश को शिक्षा के क्षेत्र में देश में सबसे आगे ले जा सकता है.
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