Pakistan Bombing Victim Compensation
भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चल रहा है. LoC पर पाकिस्तानी आर्मी 3 दिन से लगातार फायरिंग और मिसाइलें दाग रही है. इसमें 5 बच्चों समेत 17 नागरिकों की मौत हुई है. सीमा पार हमले का भारत जवाब दे रहा है. पाकिस्तानी मिसाइलों और जेट को हमारे डिफेंस सिस्टम ने मार गिराया है. युद्ध के हालात के बीच देशभर में अलर्ट जारी है. बॉर्डर एरिया में रहने वालों को सावधान रहने को कहा गया है. ऐसे में सवाल उठता है कि अगर पाकिस्तान की ओर से गोलीबारी या बमबारी में किसी की मौत हो जाती है तो परिवार को कोई मुआवजा मिलता है कि नहीं. आइए जानते हैं क्या है नियम
क्या बॉर्डर पर हमले में मौत होने पर मुआवजा मिलता है
जानकारों की माने तो भारत सरकार और संबंधित राज्य सरकारें पाकिस्तान की फायरिंग-बमबारी में मारे गए नागरिकों के परिजनों को मुआवजा (Compensation) देती हैं. ये राशि आमतौर पर 5 लाख रुपए तक होती है, लेकिन यह राज्य के नियमों और स्थिति की गंभीरता पर भी निर्भर करती है.
किसका मिलता है मुआवजा
- जो लोग पाकिस्तान की तरफ से की गई गोलीबारी या बमबारी में मारे जाते हैं, उनके परिवार को मुआवजा दिया जाता है.
आवेदन कैसे होता है :-
तक या घायल व्यक्ति के परिजनों को तहसील, ब्लॉक या जिला प्रशासन के पास जाकर एक आवेदन देना होता है. इसमें FIR की कॉपी, अस्पताल की रिपोर्ट, पहचान पत्र जैसे दस्तावेज शामिल करने होते हैं. जांच के बाद मुआवजे की राशि दी जाती है.
बंकर और अन्य सुविधाएं भी मिलती हैं

केंद्र सरकार LOC के पास बसे गांवों में ‘बॉर्डर एरिया डेवलपमेंट प्रोग्राम’ (Border Area Development Program) के तहत बंकर बनाने, राशन देने और अस्थायी अस्पताल, स्कूल चलाने जैसी सुविधाएं भी देती है, ताकि जानमाल के नुकसान को कम किया जा सके.
पहलगाम हमले :-
भारत ने 7 मई को इसका पाकिस्तान और पीओके में स्थित आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर बदला लिया गया है जिसके बाद पाकिस्तान इससे चिढ़ गया है और भारत के कई राज्यों में ड्रोन से हमला किया है
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